एलर्जी से पीड़ित त्वचा के लिए, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण वाले साबुन का इस्तेमाल
करना फ़ायदेमंद होता है. नीम और पुदीने के साबुन में ये गुण पाए जाते हैं. इन साबुनों से त्वचा की खुजली, लालिमा, और सूजन कम होती है.
एंटी-पिंपल साबुन का इस्तेमाल करने से मुंहासे कम होते हैं और त्वचा स्वस्थ रहती है. एंटी-पिंपल साबुन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फ़ंगल गुण होते हैं. इन साबुनों में चाय के पेड़ का तेल, मुसब्बर वेरा, और लेमनग्रास जैसे तत्व होते हैं.
यह बेबी की त्वचा के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह त्वचा को
मॉइस्चराइज़ करता है, सूखापन कम करता है और
बेबी को पोषण प्रदान करता है।
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रेड वाइन में सूजनरोधी और
एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो रोमछिद्रों को साफ करता है, मुंहासों को दूर करता है और भविष्य में मुंहासे होने की संभावना को
कम करता है। 100% शाकाहारी
साबुन जिसमें त्वचाविज्ञान संबंधी उन्नत सूत्र और वैदिक तत्व हैं।
समें
मौजूद नीम और तुलसी की प्राकृतिक जड़ी-बूटियां त्वचा को साफ़ करती हैं और उसे पोषण
देती हैं. नीम-तुलसी साबुन से त्वचा के संक्रमण, मुंहासों, और खुजली जैसी समस्याओं से
राहत मिलती है.
नीम-तुलसी साबुन का इस्तेमाल करने का तरीका:
चेहरे और शरीर पर साबुन लगाएं.
झाग आने तक धीरे-धीरे मालिश करें.
पानी से अच्छी तरह धो लें.
यह त्वचा को साफ़ करता है, डार्क स्पॉट्स और मुंहासों से राहत देता है, और त्वचा को टोन करता है